कोटा/ भारतेंदु समिति की ओर से हिंदी साहित्य के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र की 175वीं जयंती के उपलक्ष्य में मंगलवार को माहेश्वरी भवन में साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कुल 15 साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो, शाल, कोटा साड़ी व मोतियों की माला पहनाकर साहित्यश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मानित साहित्यकार:
हनुमान प्रसाद सक्सेना हिंदी सम्मान नई दिल्ली की रचना मजूमदार को प्रदान किया गया।
सुधाश्री सम्मान कोटा के मनोज गौत्तम को दिया गया।
इसके अतिरिक्त डॉ. आरती वर्मा (कानपुर), डॉ. मनीषा शर्मा, डॉ. युगल सिंह, डॉ. हिमानी भाटिया, मनु वशिष्ट, राममोहन कौशिक, विवेक शंकर, कालीचरण राजपूत, जोधराज परिहार, दीपक शर्मा, दुर्गाशंकर वैष्णव, शिखा अग्रवाल (भीलवाड़ा), विश्वनाथ तंवर (सरदारशहर), आर्दश नंदन गुप्ता (आगरा), पदम गोधा (गुरुग्राम) को भी साहित्यश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर शर्मा ने किया, जबकि कोषाध्यक्ष राजेन्द्र शारदा, साहित्य मंत्री प्रदीप सक्सेना, गोपाल शारदा, उमेश गांधी, पंकज जायसवाल, सुरेशचंद काबरा और रवि झंवर ने व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान किया।
पुस्तक विमोचन:
समारोह में समिति की त्रैमासिक पत्रिका ‘चिदम्बरा’ का विमोचन किया गया। साथ ही गीतकार एवं लेखक रमेश चंद्र ‘अनिल’ की पुस्तक ‘तुम्हारे गीत’ का भी विमोचन हुआ।
विचार और संबोधन:
समिति के अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी भाषा को अभिव्यक्ति का माध्यम मात्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक जागरण का सशक्त साधन बनाया। उनका साहित्य समाज को नई दिशा देने वाला रहा।
कार्यक्रम समन्वयक कृष्ण बिरला ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी साहित्य के पितामह एवं आधुनिकता के अग्रदूत रहे हैं, जिन्होंने स्वस्थ परंपरा की भूमि पर नवीनता के बीज बोए।
भाजपा नेता पंकज मेहता ने कहा कि हिंदी साहित्य में आधुनिक युग की शुरुआत भारतेंदु हरिश्चंद्र से मानी जाती है। साहित्यकार विपुल सक्सेना ने बताया कि भारतेंदु ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों से जोड़ जनजागरण का कार्य किया। भाजपा जिला देहात अध्यक्ष प्रेम गोचर ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
समारोह में महापौर राजीव अग्रवाल, शिखा अग्रवाल सहित कई साहित्यकारों ने काव्य पाठ भी किया, जिससे कार्यक्रम की शोभा बढ़ी।